April 20, 2024

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“जोशीमठ में टाइम बम लगा हुआ है कभी भी हो सकता है धमाका- कांग्रेस” राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग, जानें क्या है पूरा मामला?

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Joshimath Tragedy

Joshimath Tragedy: उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों और सड़कों पर आ रही दरारें (Joshimath Tragedy) लोगों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ा कर दी है. जिसे सरकार ने आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है. इसके साथ ही जोशीमठ और आसपास के इलाकों में निर्माण-कार्य रोक दिए गए हैं.

इस बीच आज केंद्र सरकार के निर्देश पर भेजी गई विशेषज्ञों की टीम ने जोशी मठ के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. बता दें कि अब तक जोशीमठ में रह रहे करीब 600 परिवारों से अधिक घरों समेत मंदिरों और सड़के में दरारे (Joshimath Tragedy) उत्पन्न हो गई है.

त्रासदी को लेकर मिटिंग का दौर जारी

जोशीमठ त्रासदी (Joshimath Tragedy) को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय में कल रविवार को एक हाईलेवल मीटिंग की गई थी. उसके बाद सोमवार, 9 जनवरी की शाम को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास पर डिजास्टर मैनेजमेंट की मीटिंग बुलाई गई.

उस मीटिंग में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन के सचिव समेत सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहे. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने जोशीमठ में हो रहे इस त्रासदी को सरकार की लापरवाही बताया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है.

जोशीमठ में टाइम बम लगा हुआ है- कांग्रेस

जोशीमठ त्रासदी (Joshimath Tragedy) को लेकर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि- ”उत्तराखंड के जोशीमठ में यह जो त्रासदी हुई है, इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. उन्‍होंने कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है. जिस सुरंग को कारण बताया जा रहा है उसका काम बंद हो, अन्य सुरंगें भी भरी जाएं.”

कांग्रेस का कहना है कि देवस्थल जोशीमठ में घर, मंदिर टूट रहे हैं. शिवलिंग तक में दरार आ गई, और दर्जनों परिवार बेघर हो गए हैं. उन्‍होंने कहा कि-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संज्ञान तब लिया, जब सब कुछ टूट गया.

त्रासदी के लिए सरकार जिम्मेदार- कांग्रेस

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने जोशी मठ में हो रहे त्रासदी (Joshimath Tragedy) के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि- ”सीएम ने केवल दिखावे के लिए जोशीमठ का दौरा किया. जिन कांग्रेस नेताओं ने सीएम से मिलना चाहा उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

पूरे मामले में सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता सामने आई है.” कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बिना सोचे समझे, बिना प्रकृति की सुरक्षा किए जो मोदी सरकार ने अनियंत्रित विकास किया है, उसका ख़ामियाजा आज जोशीमठ की जनता भुगत रही है.

लोगों को सता रहा है इस बात का डर

आपको बता दें कि उत्तराखंड का जोशीमठ एक आध्यात्मिक शहर हैं. यहीं पर ही आदि शंकराचार्य को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. हालांकि इन दिनों यह शहर अपने क्षेत्रों में बड़ें पैमाने पर मकानों, सड़को और मंदिरों में आ रही दरारों (Joshimath Tragedy) की वजह से चर्चा में हैं.

ऐसे में वहां रह रहे लोगों को यह डर है कि अगर जोशीमठ में धसान जैसी घटना घटती है तो वह अपने साथ इनको भी ले डूबेगी. लोगों का कहना है कि लगभग एक साल से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं लेकिन पिछले 15 दिनों से अचानक भू-धंसाव की घटना ज्यादा ही बढ़ गई है.

घर छोड़ने पर मजबूर हुए लोग

जोशीमठ में हो रहे भूमि धंसान (Joshimath Tragedy) को लेकर लोगों ने वहां हो रहे निमार्ण कार्यों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. जिसे देखते हुए फिलहाल वहां किसी भी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दिया गया है. धंसाव को लेकर शहर में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि घरों में आई दरारों के नीच से पानी बहने की आवाजें आ रही हैं.

लोगों को डर है कि यदि कही पानी इस शहर को बहाता है तो इसके साथ वह भी बह जाएंगे. दहशत में कई लोग अपने घरों को छोड़ चुके हैं. वहीं, प्रशासन द्वारा भी लोगों को नगर निगम भवनों, गुरुद्वारों और स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा हैं.

 

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