April 19, 2024

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केंद्र सरकार ने Demonatisation को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा, बताया किस वजह से लिया गया था नोटबंदी का फैसला

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Supreme Court On Demonetisation

Central Government on Demonetisation: साल 2016 में 8 नवंबर को केंद्र सरकार ने देश में नोटबंदी (Demonatisation) करने का एक बड़ा फैसला लिया था. जिसका असर देश के हर नागरिक पर पड़ा था. जिसका जिक्र आज भी लोग किया करते हैं.

वहीं, केंद्र सरकार पर इस नोटबंदी (Demonetisation) को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं. जिसका अब केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट को जवाब दिया है. आइए जानते हैं कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी के पीछे कौन सी वजह बताई है.

सोच-समझकर लिया गया फैसला- केंद्र सरकार

दरअसल आपको बता दें कि केंद्र सरकार के नोटबंदी (Demonetisation) फैसले को चुनौती देने के लिए कई याचिकाएं डाली गई थी. जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर नोटबंदी करने के पीछे का कारण बताया है.

केंद्र सरकार ने बताया कि- “2016 में की गई नोटबंदी (Demonetisation) एक बहुत ही सोच-विचार करके लिए गया फैसला था और यह जाली नोट, आतंकवाद की फाइनेंसिंग, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की बड़ी रणनीति का हिस्सा था.” केंद्र सरकार ने कहा कि- “500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने और नोटबंदी का यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद लिया गया था और नोटबंदी से पहले इसकी सारी तैयारियां कर ली गई थीं.”

नोटबंदी के खिलाफ दायर की गई हैं 58 याचिका

Hearing on Demonetisation

इस मामले पर सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ कर रही है. केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि नोटबंदी (Demonetisation) का फैसला रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की विशेष अनुशंसा पर लिया गया था. आरबीआई ने इसके क्रियान्वयन के लिए योजना के मसौदे का प्रस्ताव भी दिया था.

बता दें कि पीठ 58 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें केंद्र के 8 नवंबर, 2016 को लिए गए नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले को चुनौती दी गई है. इसकी अगली सुनवाई अब 24 नवंबर को होगी.

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