अहमदाबाद: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने देश की मौजूदा सियासत को लेकर एक बड़ा अजीबो गरीब बयान दिया है. Asaduddin Owaisi ने शनिवार को अहमदाबाद में कहा कि भारत को अगले लोकसभा चुनाव 2024 में एक कमजोर प्रधानमंत्री और कई दलों के मेल से बनी ‘खिचड़ी’ सरकार की जरूरत है, ताकि समाज के कमजोर वर्ग को लाभ हो सके.
देश को कमजोर PM की जरूरत- ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि- ‘मेरा मानना है कि देश को अब एक कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है. हमने एक ताकतवर प्रधानमंत्री देखा है, अब हमें एक कमजोर प्रधानमंत्री की जरूरत है ताकि वह कमजोरों की मदद कर सके. उन्होंने कहा कि- एक ताकतवर प्रधानमंत्री केवल ताकतवर लोगों की मदद कर रहा है. देश को एक खिचड़ी सरकार की जरूरत है. जब कोई कमजोर प्रधानमंत्री बनता है, तो कमजोर को फायदा होता है, लेकिन जब एक मजबूत व्यक्ति प्रधानमंत्री बनता है, तो ताकतवर को फायदा होता है.’

बीजेपी और आप पर बोला हमला
A weak PM and a weak govt directly implies that country is weak.
— Vishnu Vardhan Reddy (@SVishnuReddy) September 11, 2022
Who wants such scenarios?
Obviously the one who wants India to be weak so that other countries can conquer us easily & break into pieces.
Glad that @asadowaisi is now out in open with his real intentions! pic.twitter.com/xZxpq7FVEX
AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि वह (आम आदमी पार्टी) गुजरात में सत्तारूढ़ बीजेपी से अलग नहीं है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने भी बिल्किस बानो मामले में दोषियों की रिहाई पर चुप्पी साध रखी है. इसके साथ ही उन्होंने दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘जवाहरलाल नेहरू’ के बाद सबसे शक्तिशाली प्रधानमंत्री ने बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, चीनी घुसपैठ, कॉर्पोरेट कर छूट और उद्योगपतियों के बैंक ऋण के बारे में सवाल पर ‘व्यवस्था’ को दोषी ठहराया.
नीतीश पर भी बरसे AIMIM सुप्रीमो
असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बीजेपी और आप के साथ ही प्रधानमंत्री पद के लिए चुनावी तैयारियों में जुटे बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब 2002 में हुए गुजरात दंगे के समय नीतीश कुमार बीजेपी के सहयोगी थे. उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर कई सरकारें बनाईं है. अब उन्होंने किसी और से हाथ मिला लिया है.