Arvind Kejriwal

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपनी पार्टी की तुलना भगवान से की है. उन्होंने रविवार को कहा कि-“ईश्वर की इच्छा” से आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आगे कहा कि- श्रीकृष्ण ने जिस तरह अपने बाल स्वरूप में किया था, उसी तरह हमारी पार्टी भी भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी जैसे “बड़े दानवों” का वध कर रही है. केजरीवाल ने ये सभी बातें इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में आयोजित आम आदमी पार्टी के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा.

पार्टी के पहले अधिवेशन में क्या बोले केजरीवाल?

बता दें कि आम आदमी पार्टी की स्थापना 26 नवंबर 2012 में हुई थी. जिसके पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि- यह महज कोई इत्तेफाक नहीं है कि इसके ठीक 63 साल पहले उसी दिन संविधान सभा ने 1949 में संविधान को अपनाया था. उन्होंने कहा कि उस समय (2012) राजनीतिक दलों ने संविधान का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ा. केजरीवाल ने आगे कहा कि- “तब ईश्वर को हस्तक्षेप करना पड़ा और संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के ठीक 63 वर्ष बाद 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई ताकि संविधान को बचाया जा सके.”

पुराना नाटक कर रही है आप- बीजेपी

बता दें कि पार्टी के अधिवेशन में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि- बीजेपी गुजरात में हार के डर से आप को निशाना बना रही है. जिसपर बीजेपी ने पलटवार करते हुए केजरीवाल पर भ्रष्टाचार का महिमामंडन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि- AAP वही ‘‘पुराना नाटक’’ कर रही है, जो वह हर चुनाव से पहले करती रही है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर भ्रष्टाचार के “महिमामंडन” का आरोप लगाया. पात्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री का साक्ष्यों के बढ़ते दबाव के कारण “दागी” साथियों के इस्तीफा देने से पहले उनके (साथियों के) बचाव में उतरने का इतिहास रहा है.

केजरीवाल आत्ममुग्ध और बयान बहादुर- संबित पात्रा

संबित पात्रा (Sambit Patra) ने कहा कि- केजरीवाल (Arvind Kejriwal)“आत्ममुग्ध” और “बयान बहादुर” हैं, जो दो राज्यों में सत्ता हासिल करने के बाद खुद को भगवान समझ रहे हैं. पात्रा ने आगे कहा कि- जिस आदमी ने शराब के धंधे से ‘‘कमीशन’’ लिया. वह खुद की तुलना ‘‘कान्हा’’ (भगवान कृष्ण) से करता है. अरविंद केजरीवाल हमेशा किसी भी राज्य चुनाव से पहले दावा करते हैं कि उनकी पार्टी जीत रही है और अन्य “बैखलाए” हुए हैं. पात्रा ने कहा कि AAP हिमाचल प्रदेश में ‘‘बिखर’’ गई और उत्तराखंड में इसके अध्यक्ष ने पार्टी छोड़ दी, जबकि केजरीवाल ने इन दोनों पहाड़ी राज्यों में अपनी पार्टी की संभावनाओं के बारे में बड़े-बड़े दावे किए थे.

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