हिंसा के बीच गृह मंत्री अमित शाह जाएंगे मणिपुर, जाने से पहले जनता से की अपील

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Amit Shah

मणिपुर में बिगड़ते हालात के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि वो जल्द ही मणिपुर जाएंगे और तीन दिनों तक वहीं रहेंगे। शाह (Amit Shah) ने वादा किया है कि समाज के सभी वर्गोे के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। और इसके लिए मैं पूर्वोतर राज्य का दौरा भी करुंगा।

बातचीत के माध्यम से सुलझाएं मसला

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गुवाहाटी के राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविघालय (National Forensic Sciences University) के परिसर की आधारशिला रखते हुए शाह (Amit Shah) ने कहा कि मणिपुर के लोगों से सभी विवादों को बातचीत के माध्यम के जरिए सुलझाने की अपील करता हूं और केंद्र ये सुनिश्चित करेगा कि मणिपुर में हुई झड़पों में सभी पीड़ितों को न्याय मिले। उन्होंने लोगों से अपील की वो शांति बना कर रखें और राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करें।

इससे पहले मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) पर हमला करते हुए कहा था कि राज्य में हुई हिंसा में सैकड़ो घर जला दिए गए और इसमें कई मासूम लोगों की जान चली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह गुवाहटी में हैं लेकिन मणिपुर नहीं जा रहे।

कांग्रेस ने लगाए थे चुप्पी के आरोप

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काग्रेस पार्टी ने मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने के लिए हाल में तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को वहां भेजा था. इसमें पूर्व अधिकारी और नेता अजय कुमार भी शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि राज्य में 54,000 लोग बेघर हो गए, 20 थाने जला दिए गए और 2,000 मकान जल गए।

हिंसा के दौरान 6,000 गोलियां, 1,000 सेमी-ऑटोमेटिक, ऑटोमेटिक हथियार लूट लिए गए। पांच मंदिरों, 200 गिरजाघरों को जला दिया गया। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के बावजूद प्रधानमंत्री चुनाव में व्यस्त थे और अभी तक कोई केंद्रीय मंत्री मणिपुर नहीं गया। यह चुप्पी क्यों है?

इस माह की शुरुआत में हुआ था जमकर बवाल

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बता दें कि मणिपुर में इस माह की शुरुआत में जमकर बवाल हुआ और हिंसा की वजह से करीब 60 लोगों की मौत हो गई। हिंसा के दौरान घरों को भी जला दिया गया और राज्य के कुछ हिस्सों से नई घटनाओं की भी सूचना मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को मणिपुर सरकार को मैतई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए किए गए सभी सुरक्षा, राहत और पुनर्वास प्रयासों पर एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।

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