April 26, 2024

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नए संसद भवन के उद्घाटन में इस राज्य के 20 धर्माध्यक्ष होंगे शामिल, मंत्रों के साथ “सेंगोल” को किया जाएगा स्थापित

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New Parliament Building

New Parliament Building : देश को 28 मई को नया संसद भवन मिलने जा रहा है पर उससे पहले विपक्ष ने राष्ट्रपति को लेकर इस मुद्दे को राजनीतिक बना रखा है और इस नए संसद भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन समारोह का विरोध करते हुए इसका बहिष्कार कर रहा है। कुल 20 दल इस समारोह का बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार इस समारोह की तैयारियों में जोर-शोर से लगा हुआ है।

अमित शाह ने कसा था तंज

New Parliament Building (News i Hindi)

कल गृह मंत्री अमित शाह ने इस समारोह (New Parliament Building) का बाहिष्कार करने वालों पर तंज कसा था और कहा था कि इस समारोह में सभी दलों को निमंत्रण भेजा गया है और सभी को इसमें भाग लेना चाहिए क्योंकि ये देश को समर्पित है। वहीं आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने संसद भवन के उद्घाटन के लिए तमिलनाडु आदिमनों को आमंत्रित किया है जहां सेंगोल स्थापित किया जाएगा।

तमिलनाडु, तेलंगाना और नगालैंड के राज्यपालों के साथ यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सेनगोल (राजदंड) सौंपे जाने की घटना में तमिलनाडु का एक बड़ा गौरवपूर्ण हिस्सा है। यह स्वर्गीय सीआर राजगोपालाचारी के बाद जवाहर लाल नेहरू के परामर्श के बाद शैव पोंटिफ के साथ चर्चा करने के बाद तिरुवदुथुराई अधीनम की सलाह पर किया गया था।

20 आदीनम होंगे शामिल

New Parliament Building (News in Hindi)

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नए संसद भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन के दौरान सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किए जाने के साथ, तमिलनाडु के 20 ‘आदीनम’, जिनमें तिरुवदुथुराई, पेरूर और मदुरै शामिल हैं, को इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया गया है। तमिल में, ‘आदीनम’ शब्द एक शैव मठ और ऐसे मठ के प्रमुख दोनों को संदर्भित करता है।

न्याय का प्रतीक है सेंगोल

Sengol

उन्होंने कहा कि पोंटिफ इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, वहां ओडुवर (शैव शास्त्रों और भजनों में विद्वान) होंगे जो थेवरम का पाठ करेंगे। 1947 में भी सेंगोल को नेहरू को सौंप दिया गया था जब ओथुवर्गल ने कोलारू पथिगम का पाठ किया था। उन्होंने कहा कि उसी सेंगोल को लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के पास बहुत श्रद्धा के साथ स्थापित किया जाएगा और यह “न्याय के साथ और बिना किसी पक्षपात के शासन” का प्रतीक होगा।

सीआर केसवन ने दिया बड़ा बयान

New Parliament Building

वहीं भारत के पहले गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के प्रपौत्र सीआर केसवन ने नए संसद भवन (New Parliament Building) में ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित करने के फैसले का स्वागत करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि केवल भारत की सभ्यतागत विरासत की गहरी समझ रखने वाला व्यक्ति और परंपराएं ही यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि इस तरह की महत्वपूर्ण घटना को इतिहास में उचित स्थान दिया जाए।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीर सावरकर की जंयती पर देश को नया संसद भवन का तोहफा देगें। इस मौके पर ऐतिहासिक और पवित्र सेंगोल की स्थापना भी की जाएगी जो कि अंग्रेजों से भारत में सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है।

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