नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासी बवाल, ये 19 संगठन करेंगे समारोह का बाहिष्कार
New Parliament House : देश को आने वाली 28 मई को नए संसद भवन मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इसका उद्घाटन करेंगे उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष सहित कई नेता शामिल होंगे। इस बीच दूसरी तरफ कई ऐसे राजनीतिक दल जिन्होंने अभी से ही इस उद्घाटन समारोह का विरोध करना शुरु कर दिया और लगभग 19 विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
इस बहिष्कार के लिए उन सभी 19 दलों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया है और कहा है कि जब लोकतंत्र की आत्मा को ही संसद से बाहर कर दिया गया है तो ऐसे में इस नए भवन (New Parliament House) की कोई अहमियत नहीं है।
विपक्षी दलों ने बहिष्कार का किया है फैसला
19 opposition parties issue a joint statement to boycott the inauguration of the new Parliament building on 28th May, saying "When the soul of democracy has been sucked out from the Parliament, we find no value in a new building." pic.twitter.com/7p7lk9CNqq
— ANI (@ANI) May 24, 2023
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट ने इस भवन (New Parliament House) के उद्घाटन का बहिष्कार करते हुए बयान दिया पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने इस भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला लिया है और हम उन दलों के साथ हैं। वहीं द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने भी इस समारोह का बहिष्कार किया है उनके सांसद तिरुचि शिवा ने इस बात की पुष्टी की।
ये दल हैं शामिल
#WATCH | All opposition parties have decided to boycott the inauguration of the new Parliament building on 28th May and we will also do the same: Uddhav Thackeray faction leader Sanjay Raut pic.twitter.com/mvQNO0ib0h
— ANI (@ANI) May 24, 2023
इन दो पार्टिय़ोे के अलावा जिन दलों ने नए संसद भवन (New Parliament House) के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया है, उनमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), उद्धव ठाकरे गुट, DMK, NCP, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरला कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, TMC, जेडीयू, CPI (M), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत आरएसपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं।
ये उद्घाटन संवैधानिक नियमों के खिलाफ
उधर भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह से दूर रहेगी। वैसे इस मसले पर बहुत जल्द विपक्षी दलों की एक बैठक भी प्रस्तावित है और उसमें ममता खुद आने की बजाय अपने किसी मंत्री को भेजने वाली हैं।
विपक्षी दलों का कहना है कि राज्यसभा व लोकसभा के साथ राष्ट्रपति संसद का अविभाज्य हिस्सा हैं। ऐसे में पीएम का नए संसद भवन (New Parliament House) का उद्घाटन करना संवैधानिक नियमों व गरिमा के खिलाफ है।
कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा
कांग्रेस ने इस समारोह (New Parliament House) पर सरकार को घेरा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संसद की नई इमारत के शिलान्यास और उद्घाटन में नहीं बुलाया जा रहा जोकि बिल्कुल गलत है इस लिए हम भी इस उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा करते हैं। साथ ही कांग्रेस की ओर से विपक्षी खेमे के दलों से बहिष्कार की साझी रणनीति के लिए अनौपचारिक चर्चा शुरू कर दी।
इसकी आहट भांपते ही तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को सबसे पहले समारोह के बहिष्कार की घोषणा कर दी।दरअसल, तृणमूल विपक्षी सियासत का हिस्सा तो बने रहना चाहती है मगर कांग्रेस का नेतृत्व अभी उसे स्वीकार्य नहीं है।
इसीलिए राज्यसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट में कहा ‘संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है। यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों व नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है। यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम को यह समझ नहीं आ रहा है। उनके लिए नए भवन का उद्घाटन मैं और मेरे बारे में है तो हमें इससे बाहर गिना जाए।’
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